नोकिया कंपनी असफल क्यों हुआ केस स्टडी Skip to main content

नोकिया कंपनी असफल क्यों हुआ केस स्टडी

एक समय था जब नोकिया का कोई कंपीटीटर ही नहीं था और मार्केट में नोकिया कंपनी की मोबाइल बहुत ज्यादा ही चल रही थी लेकिन नोकिया कंपनी का सफल होना इसका कारण वह अपने आप को कभी अपडेट ही नहीं कर पाया था इस वजह से नोकिया नहीं चल पाया नोकिया की कंपनी जब चली थी तो उसे टाइम में सबसे पहले 10 किलो की एक टेलीफोन बनाई थी जो की फिनलैंड में था पहली बार फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया फिर नोकिया ने 5 किलो का एक मोबाइल बनाया है जो कि वह भी बहुत ही सक्सेसफुल रहा है फिर नोकिया ने हैंडसेट बनाना स्टार्ट करी नोकिया देखते ही देखे बहुत ही आगे निकल गया उसकी शेयर एकदम से ऊपर जा रही थी फिर नोकिया जितना का पीछा करता था उससे कहीं ज्यादा ही मार्केट में उसे कंपनी की मांग रहती थी इस वजह से नोकिया बहुत ही आगे निकल गया फिर एक दौर आया एंड्रॉयड का जो की नोकिया का सफल होने का सबसे बड़ा कारण बना जहां सारी कंपनियों की मोबाइल एंड्रॉयड पर शिफ्ट हो रही थी नोकिया वही अपनी पुरानी वजन पर ही बना रहा यह भी इसका एक असफल होने का बहुत बड़ा कारण था नोकिया कंपनी अपने हार्डवेयर की वजह से जानी जाती थी जो कि उसका मोबाइल कहीं से भी गिर जाए उसे पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था एक दौर था कि सभी लोगों के हाथों में नोकिया के मोबाइल रहती थी नोकिया के मतलब मोबाइल है मोबाइल का मतलब ही नोकिया लोग समझ करते थे लेकिन जब दूर आया ओप्पो का वीवो रेडमी यह सब मोबाइल है एंड्रॉयड पर शिफ्ट हो गई थी जिसके पास बहुत ही मोबाइल एप्लीकेशन था और लोगों को चलाना भी बहुत सहज था जिस वजह से नोकिया का फेल होना पड़ा नोकिया कंपनी अपने आप को अप टू डेट तो कर रही थी लेकिन उसको अपडेट करने में बहुत ही ज्यादा समय लग गय एक बार नोकिया अपने सीईओ को ही निकाल दिया फिर दूसरा को आया वह एंड्रॉयड के पास जाने के बजाय वह माइक्रोसॉफ्ट से डील कर लिया और माइक्रोसॉफ्ट कभी एंड्राइड ऐप बनाना जानता ही नहीं था जिस वजह से एक और बड़ा नोकिया को झटका लगा आगे चलकर नोकिया धीरे-धीरे डाउन होता चला गया और उसका शेयर एकदम से नीचे गिरना स्टार्ट हो गया ऐसे में गूगल आईफोन ओप्पो वीवो रेडमी यह सब मोबाइल एकदम से ऊपर जाने लगी जिसका नोकिया को कंप्लीट करना काफी मुश्किल पद यही कारण है कि नोकिया मार्केट में चल नहीं पाया ज्यादा समय तक नोकिया चाहता तो कम बैक भी कर लेता है लेकिन उसमें भी प्रॉब्लम थी नोकिया कभी एंड्रॉयड के पास शिफ्ट होना नहीं चाहती थी अगर नोकिया एंड्राइड के पास शिफ्ट हो जाती तो नोकिया भी कहीं आगे निकल जाती एक जगह सैमसंग था जो कि अपने आप को हमेशा टॉप पर बनाए रखा है शुरू से ही अभी तक को टॉप पर है एक नोकिया जो कि अपने आप को कभी अपडेट ही नहीं किया इस वजह से वह टॉप पर नहीं बन पाय । 
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